कोरे पे सभो रंग चढ़े

मो पे चढ़े न कोए

सभो रंग रंगके देखे

मो पे रंगे न कोए

मै दुखिया निकली जग को देखन रंगों ने खेल

सभो जन ईर्श्यये मोहे देखत

मो सा सभो चाहत होए

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